अपने समय की विसंगतियों पर यथाशक्ति प्रहार करने के लिए संकल्पित लोग बहुधा अकेले खड़े दिखाई पड़ते हैं। झूठों के झुंड सच बोलने वाली उन गिनी-चुनी आवाज़ों को दबाने के लिए अपनी-अपनी प्रतिबद्धताओं और योजनाओं के अनुसार समवेत स्वर में सामूहिक प्रलाप करते ही रहते हैं। समीकरणों की कसौटी पर शब्दों को न साध पाने के तात्कालिक नुक़सान चाहे जो भी हों पर सच के साथ अविचल खड़े रहने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप सवालों के प्रति सदैव सहज बने रहते हैं। यूँ तो हर साक्षात्कार इस सौभाग्य के प्रति मुझे एक अनन्य संतुष्टि से भरता रहा है पर देश के कुछ यशस्वी संपादकों के सम्मुख सवालों का यह सत्र मेरे लिए बेहद रोचक भी रहा। सार्थक चर्चा का यह सत्र आपके स्नेह को सादर समर्पित है। इसे पूरा सुनकर अपने परिचय-वृत्त के हर उस सज्जन तक अवश्य पहुँचाइएगा जो समय की हलचलों से परे अपने सत्य-व्रत के लिए दृढ़-संकल्पित हैं। 🙏🏻
#kumarvishwas #interview
Follow us on :-
YouTube :- / kumarvishwas
Facebook :- / kumarvishwas
Twitter :- / drkumarvishwas
Instagram :- / kumarvishwas