ॐ हनुमते नम:
जय माता दी
गायक संजीव राघव
9759877934
जिंदगी है मगर पराई है
लोग काँटो की बात करते है
हमने फूलों से चोट खाई है।।
सारे अपने तो मुझसे रूठ गए
मेरी किस्मत में ये तन्हाई है।।
अच्छे अच्छो ने हमको धोखा दिया
तू भी दे दे तो क्या बुराई है।।
लोग हमको तो बुरा कहते ही है
तू भी कह दे तो क्या बुराई है।।
जिंदगी है मगर पराई है