बाबरी मस्जिद विवाद पाँच सौ साल पुराना है । लेकिन राममंदिर आंदोलन ने तेज़ी पकड़ी 1980 के दशक में । कैसे रामलला की मूर्ति रखी गई और कैसे आडवाणी की रथयात्रा ने पूरा माहौल बनाया और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने मंदिर का रास्ता प्रशस्त किया । वरिष्ट पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने बाबरी विवाद पर किताब लिखी है । आशुतोष ने उनसे की बात और जानी पूरी कहानी ।
The Babri Masjid dispute is five hundred years old. But the Ram Mandir movement gained momentum in the 1980s. How the idol of Ram Lalla was placed and how Advani's Rath Yatra created the entire atmosphere and the decision of the Supreme Court paved the way for the temple. Senior journalist Nilanjan Mukhopadhyay has written a book on the Babri dispute. Ashutosh talked to him and knew the whole story.
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