ग़ज़ा को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने जिस नैतिक साहस का प्रदर्शन किया है, उसकी दुनिया के एक हिस्से में तो चर्चा हो रही है मगर मीडिया में नहीं। आज हम इस पर बात करेंगे कि अफ्रीका ने ऐसा क्या कर दिया कि हर तरफ लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं। इसी संदर्भ में भारत के बारे में कहा जा रहा है कि यहां गाधी की पूजा ही होती रह गई मगर गांधी के आदर्शों पर चल पड़ने का साहस केवल दक्षिण अफ्रीका ने दिखाया। यही नहीं दक्षिण अफ्रीका के इस कदम से उपनिवेशवाद के दौर की हिंसाओं का भी अतीत खुल कर सामने आ गया है। जर्मनी ने जब इस्त्राइल का साथ देते हुए दक्षिण अफ्रीका को टारगेट किया तो नामीबिया की राष्ट्रपति ने लिखित बयान जारी कर जर्मनी के नरसंहार की पोल खोल दी। दक्षिण अफ्रीका के कदम के बाद कई लोग भारत भारत पुकार रहे हैं कि गांधी का देश कहां हैं, उसमें इतना नैतिक बल क्यों नहीं है?
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/ @ravishkumar.official
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