दुनिया का सबसे ख़तरनाक आर्म्स डीलर [The World’s Most Dangerous Arms Dealer] | DW Documentary हिन्दी

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क्या आपने कभी कार्ल ली उर्फ ​​ली फ़ेंगवे के बारे में सुना है?

दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार डीलर को रोकने की नाकाम कोशिशों ने पश्चिमी खुफिया एजेंसियों, सरकारों और यहां तक ​​कि अमेरिकी राष्ट्रपतियों को भी वर्षों तक परेशान रखा है. यह चीनी कारोबारी शायद इस दुनिया का सबसे खतरनाक, गुमनाम शख्स है. वह एक परछाई है, जिसने सालों तक महाशक्तियों संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के गुप्त संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आज की तारीख में एफबीआई की मोस्ट वांटेड सूची में इससे ज्यादा इनाम किसी और अपराधी के सिर पर नहीं है. जांचकर्ता कार्ल ली को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार डीलर मानते हैं. उसका उपनाम है ’द टेलर’, क्योंकि माना जाता है कि उसके पास किसी भी चुनौती के लिए एक खास समाधान तैयार है, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो. कई ख़ुफ़िया एजेंसियों की कोशिशों के बावजूद उसका नेटवर्क अब भी काम कर रहा है और वह भगोड़ों की सूची में बना हुआ है. वह भी ऐसे वक्त में, जब मिसाइलें और परमाणु हथियार मानवता के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं.

हथियारों के कारोबार के विशेषज्ञ फिलिप ग्रुइल, पुलित्ज़र विजेता फ्रेडरिक ओबरमायर और बास्टियन ओबरमायर ने चार महाद्वीपों पर कार्ल ली के निशानों का पीछा किया है. वाशिंगटन और न्यू यॉर्क से लेकर तेल अवीव तक, यूरोप से तेहरान और बीजिंग तक और पूर्वोत्तर चीन में कार्ल ली की फैक्ट्री तक. इस डॉक्युमेंट्री में वे इस परछाई और इसके गोपनीय शिकार की कहानी बता रहे हैं.

उनकी डॉक्युमेंट्री ख़ुफ़िया सेवाओं और कूटनीति की अंदरूनी दुनिया की अभूतपूर्व तस्वीर दिखाती है. साथ ही, यह फिल्म पश्चिम की कमजोरी और चीन के उत्थान के बारे में एक सबक है और नई विश्व व्यवस्था पर एक बेबाक नजरिया पेश करती है.

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